बच्चेदानी की टीबी (Tuberculosis) कारण, लक्षण और उपाय
कई ऐसे महिलाओं को देखते हैं जिसके अंदर टीबी के कारण ट्यूब, यूट्रस जिनके कारण बहुत ज्यादा खराब हो जाता हैं।
दुःख इस बात का है कि बच्चेदानी के टीबी के कई केसेस मैं कोई लक्षण नही दिखाई देता ........
90%केसेस मैं सारे जो टेस्ट होते है वो नेगेटिव आते हैं।
परन्तु फिर भी मरीज के बच्चेदानी का टीबी होता है।
इसके कारण महिलाएं संतान से वंचित होती जा रही हैं।
क्या होता हैं बच्चेदानी की टीबी ?
इसके क्या लक्षण हैं ?
इसका diagnosis किस तरह से होता हैं ?
और finally इसका fertility के लिये treatment. क्या है? ..
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि हमारे प्रधानमंत्री जी ने हम सब को यह लक्ष्य दिया है कि टीबी (2025) तक का उन्मूलन करना है।।।।।
उस परिप्रेक्ष्य मैं देखे की महिलाओं के अंदर जो बच्चेदानी टीबी की बिमारी है वो असज भी एक बहुत बडी समस्या है।।।।
और आज भी हम कई ऐसे महिलाओं को देखते हैं कि जिनके अंदर टीबी के कारण ट्यूब, यूट्रस बहुत ज्यादा डैमेज हो चुका है।
बच्चेदानी की टीबी के लक्षण क्या है ?
1) लक्षण वो होते हैं जो मरीज को मालूम हो जिसके कारण वो डॉक्टर के पास जाकर समय से एलाज करा सके।
दुःख की बात ये है कि बच्चेदानी की टीबी के कई केसेस मैं कोई लक्षण नही होते।
लक्षण होते भी है तो वो अनियमित माहवारी होना
माहवारी मैं कम ब्लीडिंग होना
हल्का बुखार होंना
वजह कम होना।
ये specific लक्षण नही होते जिनके कारण जान सके कि बच्चेदानी मैं टीबी प्रभावित कर रहा हैं।
2) दूसरी बात यह है कि बच्चेदानी के टीबी के अधिकतर टेस्ट नेगेटिव आते हैं
ये सच है थोड़ा मरीजो के लिए मुश्किल है।।।।
आईये जानने की कोशिश करते है कि
( **) क्या होती है बच्चेदानी की टीबी ?
बच्चेदानी की टीबी की शुरुआत fallopian tube को अंदरूनी लेयर से होती हैं।
यहां सर ये बच्चेदानी के तरफ आती है और बच्चेदानी की जो लेयर है वहाँ पर ये बैक्टेरिया ग्रो होने लगती हैं।।
हम सब जानते हैं कि बच्चेदानी की जो अंदरूनी लेयर है ये माहवारी में हर महीने निकल जाती हैं और उसके कारण बैक्टेरिया इक्कट्ठा नही हो पाते और जब भी हम यूट्रस का सेम्पल लेते हैं
चाहे वो
Culture test
Genexpert test
PCR Test
इन सबका परिणाम नेगेटिव आ जाता हैं।
परंतु नेगेटिव टेस्ट होने के मतलब ये बिल्कुल नही है कि बच्चेदानी की टीबी नही है।।।।
और इसका इलाज करना जरुरी है
इसके लिए कई टेस्ट किये जाते है
1) Mantoux test
2) Cest X-ray
3) Sonography test
(Hydrosalpinx or pyosalpinx)
इन सारी टेस्ट से बच्चेदानी की टीबी पाता लग जाता हैं।।।
टेस्ट की बात करे तो
इनमें यूट्रस की layanig को लिया जाता हैं।
1) Biopsy (Histopathology) test
2) Genexpert test (PCR- test)
3)MUM-1Immunohisochemistry Marker test
100% Accurate test
Laparoscopy or Hysteroscopy
इसमें 90%टीबी का पता चल जाता हैं।
Laparoscopy मैं main finding हैं ट्यूब के अंदर. Isthmus or Ampulla blockage का पता चल जाता हैं।
ये अधिकतर टीबी के लक्षण होते हैं।
कई बार टीबी के कारण छोटे छोटे Tubercle नजर आते हैं जिसे diagnose किया जाता हैं
लेकिन जो टीबी का pus. होता है उसे आसानी से देख सकते है।
इसके अलावा Hydrosalpinx जो ट्यूब मैं पानी या पस इक्कट्ठा हो जाता हैं उसे hydrosalpinx या pyosalpinx कहते हैं।
Hystrosalpinx से
Focal hyperemia ,stromal edema, micropolyps।
को देखकर डॉक्टर जान जाते हैं कि इस मरीज को टीबी होने की संभावना अधिक है।l
Late stage की हम बात करे जब fibrosis हो चुका है मरीज का diagnosis समय से नही हुआ है तब
यूट्रस के अंदर जाला यानी Adiesions(Asherman syndrome) कहते हैं वो हमें laparoscopy मैं दिखाई देती हैं।
अगर ये लक्षण दिखाई देता है तो treatment करना चाहिए।।
Treatment.....
यदि 1st,2nd,3rd stage मैं इलाज हो जाता हैं तो इसके बाद आप Normally conceive कर सकते हैं
Test tube baby मैं भी इसके आछे रिजल्ट देखे गए हैं।
लेकिन 4th stage मैं बीमारी ट्यूब से बढ़कर यूट्रस के अन्दर Adhesions बन जाने पर इसका इलाज बहुत मुश्किल हो जाता हैं।
1)कम से कम 6से 9महीने बच्चेदानी की टीबी का इलाज आवश्यक होता हैं
2)भारत सरकार के द्वारा हर हॉस्पिटल में बच्चेदानी की टीबी के दवाइयां free मैं मुहैया कराई जा रही हैं।
3)खान पान में विशेष ध्यान ।
4) प्रोटीन और विटामिन की मात्रा।
Side effects for medicine
1) Indigestion
2) Burning
3) vomiting..
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